Thursday, April 20, 2023

अर्थातुराणां न सुह्रुन्न बन्धुः

 

अर्थातुराणां सुह्रुन्न बन्धुः

कामातुराणां भयं लज्जा |
विद्यातुराणां सुखं निद्रा

 क्षुधातुराणां वपुर्न तेजः ||

 

अर्थ - धन संघ्रह में लिप्त व्यक्तियों का कोई मित्र होता है और वे अपने रिश्तेदारों से संपर्क रखते हैं.| कामातुर व्यक्ति को किसी प्रकार का भय होता है और अपने आचरण पर लज्जा होती है |

 विद्या व्यसनी व्यक्तियों को सुखमय जीव और निद्रा से वंचित रहना पड्ता है

तथा भूखे व्यक्तियों का शरीर दुर्बल और तेज हीन होता है |

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