अर्थातुराणां न सुह्रुन्न बन्धुः
कामातुराणां न भयं न लज्जा |
विद्यातुराणां न सुखं न निद्रा
क्षुधातुराणां न वपुर्न तेजः ||
अर्थ - धन संघ्रह में लिप्त व्यक्तियों का न कोई मित्र होता है और न वे अपने रिश्तेदारों से संपर्क रखते हैं.| कामातुर व्यक्ति को न किसी प्रकार का भय होता है और न अपने आचरण पर लज्जा होती है |
विद्या व्यसनी व्यक्तियों को सुखमय जीव और निद्रा से वंचित रहना पड्ता है
तथा भूखे व्यक्तियों का शरीर दुर्बल और तेज हीन होता है |
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